Pages

Friday 9 October 2020

ना जाने तुम से मेरा कौन सा कनेक्शन है

 



ना जाने तुम से मेरा कौन सा कनेक्शन है

तेरे दिल से मेरा ना जाने कौन सा कनेक्शन है, 

सांस तुम लेते हो, पहुँच मुझ तक जाता हैं, 

आहे तुम भरते हो,दर्द  मुझे होता है,  

 चोट तुम खाते हो,जख्म मुझे होता हैं। 


तेरे दिल से मेरा ना जाने कौन सा कनेक्शन है,  

तुम मुझे याद करते हो और मैं दौड़ी चली आती हूँ, 

तुम भूखे रहते हो और मैं तड़पती हूँ

तुम खुश रहते हो, और मैं खिल जाती हूँ। 


तेरे दिल से मेरा ना जाने कौन सा कनेक्शन है, 

तुम दूर रहते हो,पर अहसास अपनी बाँहों करती हूँ,

पलके मैं झुकाती हूँ, सामने तुम नज़र आते हो,

दूरी तुम बढाते हो,जान मेरी जाती है।


तेरे दिल से मेरा ना जाने कौन सा कनेक्शन है, 

जब जब मैं सोचती हूँ, दिल में धड़क उठता है,

जब तुम ख़ामोश होते हो,दिल में क़सक उठती है,

जब तुम  प्यार करते हो ,तो मैं जी उठती हूँ। 

    भावना मिश्रा 

   नई दिल्ली।

1 comment:

  1. बहुत ही अच्छा लगता है...."एक कप चाय और तुम"
    पूरी टीम को तहे दिल से शुक्रिया।

    ReplyDelete